Joint lump of officers from contractors, crores owed, recovery not one rupee
crime Jalore

ठेकेदारों से अधिकारियों की सांठ गांठ, करोड़ों बकाया, वसूली एक रुपए की नहीं

 सायला पंचायत समिति क्षेत्र के अंतर्गत कार्यों में धरोहर वसूली में रहमत का मामला

सायला. सायला पंचायत समिति क्षेत्र के अंतर्गत होने वाले निर्माण कार्यों में अधिकारियों की शह या यूं कहें तो सीधे तौर पर उनसे सांठ गांठ के आरोप लग रहे हैं। मामले में अधिकारियों द्वारा पहले स्तर पर चहेते ठेकेदारों को मनमर्जी से फायदा दिया गया और धरोहर राशि नहीं लेकर सीधे तौर पर फायदा पहुंचाया गया। अब मामला उठने के बाद भी एक माह का समय गुजरने के बाद वसूली नहीं की जा रही है। कहीं न कहीं बड़ी गड़बड़ी की आशंका इस प्रकरण में है।

इससे पहले सायला पंचायत समिति क्षेत्र विभागीय स्तर पर निविदा प्रक्रिया में नियम कायदे ताक पर रखकर अधिकारियों द्वारा न केवल शह दी जा रही है, बल्कि नियम विरुद्ध कार्य भी किए जा रहे हैं। मामले में सबसे खास बात यह है कि 50 लाख और इससे अधिक राशि के इन कार्यों की निविदा के लिए टैंडर प्रक्रिया में जमा होने वाली धरोहर राशि तक में मनमाफिक छूट दी गई है।

इन पर थी मेहरबानी

सूचना के अधिकार के तहत दलपतसिंह तूरा ने पंचायत समिति क्षेत्र के अंतर्गत हुई निविदा प्रक्रिया की जानकारी ली, जिसमें अनेक कमियां मिली है। इस सूचना में सायला पंचायत समिति क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में ग्राम पंचायतों के लिए विभिन्न सामग्री के लिए निविदा प्रक्रिया और उसमें जमा करवाई गई राशि का विवरण चैंकाने वाला है। इस सूचना के तहत सांगाणा में 45 लाख के कार्य के लिए टेंडर सुल्तान खां पुत्र सरदार खां सायला के खुला। इस कार्य के लिए धरोहर राशि 2 लाख 25 हजार जमा होनी चाहिए थी, लेकिन मात्र 22 हजार 500 रुपए ही जमा करवाए गए। इसी तरह सायला में 60 लाख के कार्य के लिए शौकत खां पुत्र सरदार खां के टेंडर खुला। इस कार्य के लिए धरोहर राशि 3 लाख रुपए जमा करवाए जाने थे, लेकिन अधिकारियों के मौन के चलते मात्र 1 लाख 20 हजार रुपए ही जमा करवाए गए। इसी तरह की लापरवाही ओटवाला के 45 लाख के कार्य में देखने को मिल रही है,

जहां पर धरोहर राशि 2 लाख 25 हजार के स्थान पर मात्र 22 हजार 500 जमा करवाए गए। यह कार्य भी शौकत खां पुत्र सरदार खां का है। तूरा में 45 लाख रुपए के कार्य के लिए टैंडर सुल्तान खां पुत्र सरदार खां के खुला। इस कार्य के लिए बीएसआर दर से 10.50 प्रतिशत माइनस मे होने पर राशि 2 लाख 25 हजार जमा करवाए जाने थे, जिसकी बजाय मात्र 22 हजार 500 रुपए ही जमा करवाए गए।

ये बड़ी चूक या मौन स्वीकृति थी

शौकत खां और सुल्तान खां पर ही अधिकारियों की मेहरबानी नजर नहीं आ रही, बल्कि इसके अलावा डांगरा में सरवरी कंस्ट्रक्शन भीनमाल के 45 लाख रुपए के टेंडर खुलने पर 2 लाख 25 हजार के बजाय मात्र 22 हजार 500, आसाणा में परमेश्वरी कंस्ट्रक्शन कंपनी के 45 लाख के काम में 2 लाख 25 हजार की धरोहर राशि के स्थान पर 90 हजार, तीखी में राठौड़ ट्रेडिंग कंपनी के 45 लाख रुपए के काम में 2 लाख 25 हजार के स्थान पर 90 हजार रुपए, चैराऊ में आरती कंस्ट्रक्शन कंपनी के 45 लाख के कार्य के लिए बीएसआर दर से 15.52 प्रतिशत माइनस मे होने पर 4 लाख 73 हजार 400 रूपये के स्थान पर 90 हजार, आंवलोज में बाबूसिंह बालावत के 45 लाख रुपए के काम में बीएसआर दर से 31 प्रतिशत माइनस मे होने पर कुल जमा योग्य राशि 11 लाख 70 हजार के स्थान पर मात्र 90 हजार, खेतलावास में जय मां नागणेशी कंस्ट्रक्शन कंपनी सिरोही के 45 लाख के कार्य के लिए धरोहर राशि 2 लाख 25 हजार के स्थान पर 90 हजार और सुराणा में शिव टेऊडर्स द्वारा 45 लाख रुपए के कार्य के लिए 3 लाख 15 हजार के स्थान पर मात्र 90 हजार रुपए ही धरोहर के रूप में जमा करवाए गए हैं।

इनका कहना

इस प्रकरण में हमने संबंधित ठेकेदारों को नोटिस जारी किया है, हालांकि अभी तक बकाया राशि जमा नहीं करवाई गई है।

– आवड़दान चारण, विकास अधिकारी, सायला

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