कानून विरुद्ध खाप पंचायतों के निर्णय से परिवार और नव विवाहित जोड़ा परेशान, ज्ञापन सौंपा
जालोर. खाप पंचायतों पर नकेल कसने की बातें की जा रही है, लेकिन हकीकत में अभी ऐसा नहीं है। गांवों में इन पंचायतों का सीधे तौर आतंक है और इससे कई परिवार और समुदाय प्रभावित है। ऐसा ही वाकया सांथू गांव का है, जहां प्रेम विवाह करने पर पूरे परिवार को इसकी सजा समाज से बहिष्कृत होकर उठानी पड़ रही है। प्रेमी युगल ने प्रकरण में कलक्टर ने गुहार लगाई है।
हाल ही में सांथू में प्रेम विवाह करने पर खाप पंचायत की उपस्थिति फिर से सामने आई। इस पंचायत ने परिवार के लोगों के लिए सामाजिक स्तर पर ऐसे निर्णय सुना डाले, जिससे सीधे तौर पर परिवार समाज से बहिष्कृति हो गया गया है। हालात यह है कि उनसे समाज का कोई व्यक्ति बोलता तक नहीं है।
सांथू से जुड़े इस प्रकरण में युवक युवती ने प्रेम प्रसंग के बाद शादी कर ली। लेकिन मामला सामाजिक होने से खाप पंचायत तक पहुंच गया। पंचगणों ने ऐसी सजा दी कि गांव में लोगों ने बुलाना को दूर, बात करना, दुकान से सामान देना तक बंद कर दिया।
मामले में प्रवीण राज उर्फ प्रवीण कुमार पुत्र अमरसिंह सोढ़ा राजपुरोहित निवासी मोदरान तहसील जसवंतपुरा एवं ममता कुमारी पुत्री जालमसिंह राजपुरोहित ने प्रेम विवाह किया, जिसके बाद इनके परिवार वालों के सामने मुसीबतों के पहाड़ खड़े हो चुके हैं। पंचगणों द्वारा समाज से बहिष्कृत करवाना, गांव, समाज में उनका हक्का—पानी बंद करने, लाखों रुपए के जुर्माने से दंडित करने के इस प्रकरण में उचित कार्रवाई की मांग को लेकर कलक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
यह है ज्ञापन में
ज्ञापन में बताया कि हमारे परिवारजन द्वारा आपसी राजी खुशी से हमारी सगाई—संबंध स्थापित किया था। हमारी सगाई—संबंध स्थापित होने के बाद से हमारे मध्य मधुर प्रेम संबंध स्थापित हो गए और हमने विवाह करने का निश्चिय करते हुए 1 सितंबर को आर्य समाज मंदिर जोधपुर में विवाह कर लिया। लेकिन हमारे राजपुरोहित समाज के कुछ व्यक्ति, तथाकथित पंचगण जो अपने आपको समाज का कर्ता—धर्ता समझते है।
उन्होंने मनमर्जी से बैठक कर कानून विरुद्ध ये सभी फरमान जारी किए हैं। इस सारे कारनामे मे ंहमारे समाज के पंचगणों ने 7 सितंबर को ग्राम सांथू में ंआपेश्वर वाटिका रतनवाडी सांथू में पंचायती भीमराज पुत्र गंगाराम जगतोनी, वचनसिंह पुत्र भवजी पितोनी, हिमसिंह पुत्र प्रागाजी पितानी, भमरसिंह पुत्र प्रागाजी पितानी, निवासी सांथू जवनसिंह पुत्र जेठाजी भकरानी व वगताराम पुत्र सरदारजी अदरोणी राजपुरोहित निवासी नून जिला जालोर पंचगणों ने समाज की बैठक हमारे प्रेम विवाह करने को लेकर आयोजित करवाई।
इस पंचायती में बहिष्कृत करने एवं हमारा समाज एवं गांव में हुक्का —पानी बंद करने का एलान करने के साथ समाज के सदस्यगणों को हमसे किसी प्रकार सामाजिक व्यवहार नहीं करने का आदेश दिया।
गांव में सभी हो गए
पराए
पंचगणो के आदेश के बाद से ही गांव में एवं समाज का कोई व्यक्ति हमसे एवं हमारे परिवार के सदस्यगण जिसमें हमारे काका, बड़े पिताजी, भुआ, बहन एवं सोढ़ा राजपुरोहित परिवार परिवार से कोई बात नहीं करता है एवं न ही गांव में दुकानों पर सामान वगैरा लेने दिया जा रहा। आम चौराहे पर हमारा खड़ा रहना भी दूभर हो गया तथा जब हम अपने काम से गांव मे जाते है तो भी पंचगण हमें घेरते है, जिससे अब हमारा घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है। वहीं पंचगणों ने भारतीय संविधान के विरूद्ध जाकर बैठक बुलाई एवं भारतीय संविधान के खिलाफ जाकर हमारा गांव मे बहिष्कार व हुक्का—पानी बंद करवा दिया है।
8 Replies to “सांथू में प्रेम विवाह किया तो पूरा परिवार ही हो गया समाज से बहिष्कृत”