– धानसा जैसे छोटे से क्षेत्र के बच्चों ने पेश किया एक उदाहरण
जालोर. हर शिक्षण संस्थान बच्चों में संस्कारों के साथ बेहतर शिक्षा प्रदान करने का कार्य करता है। इसी कड़ी में धानसा के सरस्वती विद्या मंदिर माध्यमिक ने भी कोरोना संकट काल में एक अनूठी पहल की है। माना गया है कि प्रकृति से खिलवाड़ ही कोरोना संकट का कारण बना। इसी भावना से इस संस्थान ने पर्यावरण संरक्षण की कड़ी में मात्र पर्यावरण दिवस पर ही नहीं पिछले एक माह से बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की भावना जागृत करने की मंशा से अनूठी पहल की, जो अब साकार रूप ले चुकी है। इस अवधि में बच्चों को ऑन लाइन अध्ययन करवाया गया। साथ ही बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित भी किया। बच्चे जागरुक हुए और इस अवधि में अपने स्तर पर पौधे लगाए। पक्षियों के लिए परिंडे बांधे और ना जाने कितने ही नवाचार कर डाले, जो इस अवधि में एक सकारात्मक पहल मानी जा सकती है।
धानसा गांव के सरस्वती विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण में योगदान देते हुए अनोखा गृहकार्य किया। उल्लेखनीय है कि सरस्वती विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय धानसा द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है, जिसके तहत शुक्रवार को विशेष गृहकार्य दिया गया, जिसमें विद्यार्थियों को एक-एक पौधा लगाकर उसके संरक्षण की जिम्मेदारी लेने के साथ-साथ भीषण गर्मी में पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए परिंडे लगाकर उसमें नियमित दाना पानी डालने का संकल्प लेना था।
इस कार्य को विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह के साथ करते हुए अपने-अपने घर पर अलग-अलग किस्म के कई प्रकार के पौधे लगाए और उनकी देखभाल करने का संकल्प लिया। साथ ही अपने-अपने घर पर भीषण गर्मी में मूक पक्षियों की प्यास बुझाने हेतु विभिन्न प्रकार के परिंडे लगाए। विद्यार्थियों ने अपने कौशल का प्रयोग करते हुए पुराने बर्तनों, मटकों व अन्य पात्रों की सहायता से घर पर ही विभिन्न प्रकार के परिंडे बनाएं और घर पर लगाकर पक्षियों के लिए नियमित दाना पानी डालने का संकल्प लिया। विद्यालय के निदेशक विक्रम सिंह राठौड़ ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम सभी को पर्यावरण व प्रकृति के सरंक्षण व संवर्धन का संकल्प लेना चाहिए। हमें अधिक से अधिक पौधरोपण करना चाहिए। साथ ही अपने घर या कार्यस्थल पर परिंडा या कोई अन्य पात्र रखकर नई पीढ़ी में जीवदया के संस्कार विकसित करने चाहिए, जिससे नन्हें पंछी एवं विभिन्न जीव इस तप्त गर्मी में अपनी भूख एवं प्यास बुझा सके। नई पीढ़ी को प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण के कार्य से जोडऩा समय की मांग है, जिसके लिए सभी को प्रयास करना चाहिए।
ये बच्चे जिन पर हमें नाज
आज हमारे विद्यालय द्वारा हमें रोचक व आनंददायक गृहकार्य दिया गया, जिसके तहत मैने अपने घर पर वृक्षारोपण किया और मूक पक्षियों के दाना-पानी के लिए परिंडों की व्यवस्था भी की इससे मुझे आत्म संतुष्टि का आभास हुआ। मैं नियमित इनकी देखभाल करूंगी।
– माली सीता विद्यार्थी कक्षा 9
हमारे बच्चों को विद्यालय द्वारा लॉक डाउन के दौरान घर पर ही रहते हुए पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने के लिए प्रेरित करना बहुत अच्छा लगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी को प्रकृति से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने चाहिए। प्रकृति से स्वयं भी जुडऩा और दूसरों को भी जोडऩा चाहिए।
– भावेशजी राठी, अभिभावक धानसा
9 Replies to “#JALORE जालोर के इस विद्यालय के बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए की यह अनूठी पहल…”