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महंत राजभारती महाराज को लहर भारती की कुटीयां को छोड कर जाने को कहा
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वर्ष 2011 मे साधु संतो एवं ग्रामीणों की मौजूदगी में तिलक लगाकर लहरभारती कुटीयां मे राजभारती को महंत की गादी सुपुर्द की थी
सायला।
कस्बे में लहर भारती महाराज कुटिया की जमीन भी अब सुरक्षित नही है। पौराणिक मंदिरों की भूमि पर कुछ लोग कब्जा करने की नियत से नजरें जमाएं बैठे है। जो मंदिर की भूमि को किराए पर लेकर उसे हडपना चाहते है और अपने मंसूबे को अंजाम देने के लिए साधु-संतों को मंदिरों से हटवाने की साजिशें कर रहे है। मामला सायला के ब्रह्मलीन तपस्वी लहर भारती महाराज की कुटिया से जुडा हुआ है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार लहर भारती कुटियां में महंत राजभारती महाराज को वर्ष 2011 मे साधु संतो एवं ग्रामीणों द्वारा गादी पर विराजित किया गया था। जिसके बाद से महंत राज भारती महाराज कुटियां में निवासरत रहते हुए पूजा सेवा कर रहे थे। लेकिन लहरभारती महाराज कुटिया की जमीन मुख्य आबादी के बीच एवं स्टेट हाइवे पर होने से बेशकीमती है। जिस पर गांव के प्रभावशाली रसूखात वाले व्यक्ति कब्जा करना चाहते हैं। ऐसे में उक्त जमीन को हडपने की नियत से साधु संतों को मंदिर से हटाने के लिए नित नई साजिशें कर रहे है।
इसी क्रम में सोमवार को लहर भारती कुटिया सायला में आयोजित ग्रामीणो की बैठक में गांव के प्रभावशाली एवं कथित पंच कहे जाने वाले व्यक्तियों ने संत महात्मा को जाने का फरमान जारी कर दिया जिससे संत समाज में असंतोष की लहर फैल गई हैं। संतों का कहना हैं कि कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा चंद ग्रामीणों को भ्रमित कर मंदिर भूमि को हडपना चाहते है। जिससे संतों के स्वाभीमान को ठेस पहुंची हैं तथा अपमान हुआ हैं।
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लहरभारती महाराज ने बसाई थी कुटियां –
गौरतलब हैं कि लहर भारती महाराज की कुटियां को लेकर करीब चार दशक पूर्व सायला मठ के मठाधीश प्रेमभारती महाराज के शिष्य लहरभारती महाराज ने तत्कालीन सरपंच शान्तिलाल शर्मा के कार्यकाल में पंचतीर्थ बनाने के लिए उक्त जमीन पर कुटी में साधना शुरू की थी। जिसके एक साल बाद महाशिवरात्रि के दिन लहरभारती महाराज देवलोकगमन हो गए थे। जिसके बाद यहां पर कई संतो का आनाजाना शुरू हुआ। वर्ष दिनांक 06-03-2011 में दशनाम नवनाथ खटदर्शन मंडल के साधु संतो व हजारो की तादाद में ग्रामीणों की मौजूदगी में राजतिलक कर महन्त राजभारती को गादी सुपुर्द की थी। जिसके बाद से राजभारती महाराज तूरा तथा लहर भारती कुटी में सेवा पूजा करते थे।
नही रास आ रहा कुटिया का विकास साधु संतो को कर रहे परेशान
लहर भारती महाराज की कुटिया मे विगत कुछ महिनो मे महंत एवं उनके शिष्य चेतनगिरी द्वारा श्रद्धालुओ के सहयोग से विकास कार्य करवाए गए है। जिसमे कुटिया के चारो और चारदीवारी, पौधारोपण, टीनशैड, मंदिर जीर्णोद्धार आदि शामिल है। जो गांव के प्रभावशाली मंदिर की भूमि हडपने की नियत रखने वाले लोगो को पसंद नही आ रहा है। ऐसे मे वे नई-नई साजिशे रचकर साधु एवं उनके शिष्य को परेशान कर रहे है।
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