– बड़ी गड़बड़ी की आशंका
जालोर/रानीवाड़ा. गुजरात राज्य से सटे हुए रानीवाड़ा क्षेत्र में खाद्य पदार्थों में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की आशंका है और विभागीय कार्रवाई के नाम पर लीपापोती का दौर जारी है। सूत्रों की मानें तो गुजरात राज्य से बिना जांच पड़ताल के बड़ी भारी खेप रानीवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचती है और उसके बाद यह तेल रानीवाड़ा के विभिन्न क्षेत्रों में पैकिंग के बाद पहुंचता है। इतना सबकुछ होने के बाद भी खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही। विभाग स्टाफ नहीं होने का रोना रोकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह फेर रहा है। सीधे तौर पर मानव स्वास्थ्य से यह खिलवाड़ ही है। क्षेत्र में खाद्य सामग्री और खाद्य तेल की बिकवाली में मानव स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ के हालातों के बीच भी अधिकारियों का मौन समझ से परे हैं।
इसलिए घातक हो सकते हैं परिणाम
मामल में खास बात यह है कि गुणवत्ता विहीन पॉम ऑयल समेत अन्य केमिकल की मिलावट के साथ क्षेत्र में खाद्य तेल की बिकवाली की लगातार शिकायतें विभाग के पास पहुंच रही है, लेकिन विभागीय स्तर पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही। इधर, मामले में इस अनियमिता का संबंध सीधे तौर पर सटे हुए गुजरात राज्य से हैं। सूत्रों की मानें तो यहां से प्रतिदिन पैकिंग होकर नहीं, बल्कि टैंकरों के मार्फत खाद्य तेल रानीवाड़ा क्षेत्र में रानीवाड़ा, बडग़ांव और उसके आस पास के क्षेत्रों तक पहुंच रहा है और उसके बाद यहां से खाद्य तेल की पैकिंग होने के साथ अन्य स्थानों पर पहुंच रहा है। एक तरफ इन हालातों में सरकार को राजस्व का चूना लग रहा है तो दूसरी तरफ मानव स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडरा रहा है।
सालभर से सेंपलिंग ही नहीं
विभागीय ढिलाई को इस तरह से समझा जा सकता है कि इस क्षेत्र में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की ओर से लंबे समय से सेंपलिंग ही नहीं हुई है। यही नहीं गुजरात से सटा हुआ होने के बाद भी यहां प्रशासनिक स्तर पर भी किसी तरह की निगरानी नहीं है। विभागीय अधिकारी स्टाफ की कमी का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह फेर रहे हैं।
4 Replies to “#RANIWARA रानीवाड़ा में यहां इस बेपरवाही का जिम्मेदार कौन, आखिर अधिकारी क्यों है मौन”