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# SAYLA – रास नही आया जूती का व्यापार तो किराणा व्यापार में आजमाई किस्मत

 मेहनत एवं लगन से प्रतिष्ठित व्यापारियों में हुए शुमार, समाजसेवा में भी अग्रणी

सायला। कस्बे के चतराराम जीनगर के घर जन्मे जुगराज जीनगर ने अपने मेहनत, लगन एवं मिलनसार व्यक्तित्व के चलते व्यापार में मजबूत पकड बनाई है।

जानकारी के अनुसार जुगराज जीनगर में अपनी प्रारंभिक शिक्षा सायला में ही ग्रहण की। इसके बाद पिता एवं परिवार को व्यापार में सहयोग करने का विचार किया। लेकिन जूती बनाने के पैतृक व्यवसाय में रूचि नही होने के कारण कस्बे में ही एक रिटेल किराणा का व्यापार शुरू किया। जबकी पिता तथा पूरा परिवार पैतृक कार्य जूती बनाने में माहीर कसिंदा कारीगर के नाम से जाने जाते थे।

पिता चतराराम ने अथक प्रयास कर खुद की गाढी कमाई से मुख्य बस स्टेण्ड पर एक दुकान खरीदकर जूती का व्यापार किया। जुगराज के पांच बहने हैं। एक भाई छोटी आयु में भगवान को प्यारे हो गये थे। वहीं जुगराज की तीस वर्ष की आयु होते ही पिता का भी निधन हो गया तथा पूरे परिवार का बोझ जुगराज कंधों पर आ गया।

इसके बाद जुगराज ने स्वयं हिम्मत से काम लेते हुए परिवार की आर्थिक हालातों को समझ कर लगन के साथ व्यवसाय में जूटा रहे। जो धीरे-धीरे रिटेल किराणा व्यापारी से गुड-शक्कर के थौक विक्रेता बन गए। फिर अनाज का व्यापार भी करना शुरू कर दिया।कस्बे के व्यापारियों में नाम से पहचाने जाने लगे। वर्ष २००१ में राजनीति की पहली सीढी पर पांव रखते हुए खुद पंचायत में वार्ड पंच बने जो २००५ तक काबीज रहे। इस दौरान जुगराज ने अपने दोनो पुत्र जितेन्द्र कुमार व सुरेश कुमार को भी व्यापार के तौर तरीके सिखाते हुए जिम्मेदार एवं अच्छा नागरिक बनने की तालिम दी।

जिसके चलते दोनों पुत्र व्यापार में मन लगाकर काम करते हुए प्रगति की ओर बढे। हाल ही में कोरोनाकाल में भी इस जीनगर परिवार ने जरुरतमंदो को राशन व दवाई उपलब्ध कराने का काम भी किया। अब जुगराज ने भी अपने पुत्रों पर जिम्मदारी को बोझ देना शुरू कर अलग अलग व्यापार में लगाया हैं जिसकी निगरानी खुद कर रहे हैं। सरल स्वभाव के कारण जुगराज व उनके पुत्र हर खास के दिल को बखुबी से जीत कर अपने साथ कर लेते हैं।

shrawan singh
Contact No: 9950980481

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