Jalore RAJASTHAN Religious

जन-जन की आस्था का केन्द्र श्री दुदेश्वर महादेव मठ वालेरा

  •  मन्दिर प्रांगण में है सुजाभारती महाराज की समाधी, पांच फेरी लगाने से होती है मनोकामना पूर्ण

ललित गहलोत

सायला।
मारवाड की धरा पर जालोर जिले के सायला उपखण्ड मुख्यालय से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर ही वालेरा गांव स्थित है। जहां पर स्थित श्री दुदेश्वर महादेव मन्दिर मठ 500 वर्षो से सनातन धर्म-ध्वजा का यशोगान करता हुआ जन-जन की आस्था का केन्द्र बना हुआ है।
दन्त कथाओं के आधार पर लोगो को कहना हैं कि इस मठ की स्थापना विक्रम संवत् 1519 में वैशाख सुदी आखातीज के दिन हुई थी। मठ की स्थापना के बाद से यहां पर कई मठाधीशों ने समाधियां ली व अपने चमत्कारों से लोगो में आस्था का केन्द्र बने है।

श्री दुदेश्वर महादेव मन्दिर मठ के प्रांगण में मठ के सत्रहवें महन्त सन्त शिरोमणी परम पूज्य तपस्वी चमत्कारी सुजाभारती महाराज की समाधी है। महन्त सुजाभारती महाराज ने दुदेश्वर महादेव मन्दिर प्रांगण में जीवित समाधी ली थी। सुजाभारती महाराज ने कठिन तपस्या की थी। तपस्या के फलस्वरूप उनके वचन फलने लगे। अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले महन्त सुजाभारती महाराज की समाधी पर हर सोमवार को हजारो की संख्या में श्रद्धालु आते है। जिससे मठ में पूरे दिन मेले-सा माहौल रहता है।

दुदेश्वर महादेव मन्दिर में स्थित सुजाभारती महाराज की जीवित समाधि को लेकर लोगो की मान्यता हैं कि जो कोई भक्त समाधी की पांच फेरी लगाता है, उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। साथ ही उनके कष्ट व पीड़ा भी दूर हो जाती है। आज भी जालोर-बाडमेर जिलों से बडी संख्या में श्रद्धालु महन्त सुजाभारती महाराज की समाधी की फेरी लगाने व दर्शन करते आते है।

बचपन में ही ले लिया था सन्यास

परम तपस्वी सुजाभारती महाराज का जन्म बाडमेर जिले के सिवाणा तहसील के कुण्डल ग्राम में रेबारी कुल में हुआ था। इनके पिताजी का नाम केरिगजी तथा माता का नाम पार्वतीदेवी था। सुजाभारती महाराज भगवान महादेव के परम् भक्त थे। उन्होने बाल्यकाल में ही वालेरा मठ आकर सन्यास ले लिया तथा प्रभु भारती महाराज के शिष्य बन गए। इसके बाद सुजाभारती महाराज दुदेश्वर महादेव मन्दिर की पूजा अर्चना व भक्ति करने लगे। साथ ही मन्दिर में आने वाले सन्त महात्माओं की सेवा करते थे। विक्रम संवत 2023 में प्रभु भारती महाराज के देवलोक होने पर सुजाभारती महाराज वालेरा दुदेश्वर महादेव मन्दिर मठ के सत्रहवें महन्त बने।

समाधि के बाद भी बताया चमत्कार

सुजाभारती महाराज की समाधी

सुजाभारती महाराज के श्री दुदेश्वर महादेव मन्दिर मठ के मठाधीश बनने के कुछ वर्षो बाद ही मन्दिर प्रांगण में जीवित समाधी ली थी। समाधि के बाद सुजाभारती महाराज ने रायपुर में अपने सांसारिक बडे भाई लच्छाराम से सन्तों की जमात में मिलकर परचा दिया। इसी प्रकार मारवाड के छगनलाल खत्री को समाधि के बाद बैंगलोर में मिलकर अचम्भित कर दिया था। अब सुजाभारती महाराज का समाधि स्थल जन-जन की आस्था का केन्द्र बना हुआ है।

 

 

सोमवार को रहता है मेला-सा माहौल

श्री दुदेश्वर महादेव मंदिर मठ में हर सोमवार को मेले-सा माहौल रहता है। सोमवार को क्षेत्रभर से बडी संख्या में श्रद्धालु मठ में स्थित सुजा भारती महाराज की समाधी पर शीश नवाने आते है। साथ ही प्रसादी चढाकर खुशहाली की कामना करते है। वही श्रावण मास में प्रतिदिन बडी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से पूरे दिन मेले-सा माहौल रहता है। महंत पारसभारती महाराज द्वारा मनसा वाचा की कथा का भी वाचन किया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन विशाल भजन संध्या एवं महाप्रसादी का आयोजन होता है।

इनका कहना है –

दुदेश्वर महादवे मठ वालेरा के मठाधीश पारस भारती महाराज

सुजाभारती महाराज की जीवित समाधी क्षेत्र में आस्था का केन्द्र बनी हुई है। प्रत्येक सोमवार को समाधी पर श्रद्धालु प्रसादी का भोग लगाकर खुशहाली की कामना करते है। समाधी की पांच फेरी लगाने से मनोकामना पूर्ण होती है। – महन्त पारसभारती महाराज, दुदेश्वर महादेव मठ वालेरा।

shrawan singh
Contact No: 9950980481

8 Replies to “जन-जन की आस्था का केन्द्र श्री दुदेश्वर महादेव मठ वालेरा

  1. Write more, thats all I have to say. Literally, it seems as
    though you relied on the video to make your point.

    You clearly know what youre talking about, why throw away
    your intelligence on just posting videos to your site when you
    could be giving us something informative to read?

  2. Pingback: naakte tieten
  3. Pingback: cat888

Leave a Reply