– ऊंचे रसूखात को अधिकारियों की भी शह, खतरेे में स्थानीय लोग
सायला. ऊंचे रसूखात के आगे सरकारी आदेश मंगलवार को बौने नजर आए। ईरोड से एक परिवार के सदस्य निजी वाहन से सायला क्षेत्र में पहुंचा और इस दौरान उनका ट्रेम्प्रेचर जांच में अधिक मिलने पर उन्हें सेंपल लेने के लिए रुकने को कहा गया, लेकिन इस परिवार ने सरकारी आदेश का धत्ता बताते हुए मनमर्जी से घर की ओर रुख किया। मामले के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया और सरपंच ने भी आनन फानन में अधिकारियों को फोन घनघनाए, जिसमें मामले को गंभीर माना गया, लेकिन बाद में पॉलिटिकल एप्रोच के आगे आमजन की जिंदगी को खतरे में झौंक दिया गया। आरोप है कि एसडीएम गौमती शर्मा और स्थानीय तहसीलदार को इस मामले में जानकारी थी, लेेकिन उन्हेांने इसे नजरअंदाज किया।
यह कह रहा महकमा
इधर, मामले में बीसीएमओ रघुनंदन विश्नोई का कहना है कि 12 मई को प्रवासी आए थे। जो बिना जानकारी दिए और जांच करवाए मनमर्जी से घर चले गए थे। इसमें एक महिला का तापमान अधिक था। जिसकी सेंपलिंग के लिए 3 बार गाड़ी भेजी, लेकिन वह नहीं आई।
एसडीएम को लिखित में शिकायत, कह रही जानकारी नहीं
मामले में सबसे खास बात यह है कि 12 मई को ही धनरूपाराम, मफरी देवी, अशोक चौधरी, प्रशांत चौधरी के ईरोड से आने पर स्क्रीनिंग की गई। जिसमें मफरी देवी का तापमान 37.4 डिग्री था, जो अधिक था। इस पर बीसीएमओ के निर्देश पर इस महिला का सेंपल लिया जाना था, लेकिन बार बार चक्कर काटने पर भी सेंपलिंग नहीं हो पाई। इस मामले में स्वयं एसडीएम गौमती शर्मा को लिखित में शिकायत करने के बाद भी वे मौन है और अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें मौन स्वीकृति भी दे रही है। इस मामले में उनका कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इस मामले में उन्हें लिखित में ही 12 मई को अवगत करवाया गया है।
